Sunday, October 13, 2024

---------जन्मदिन------------ (published in Speaking Tree Hindi blog February 2023)

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---------जन्मदिन------------
जन्मदिवस!
उन दिनों यह कितना ख़ास लगता था। सुबह एक नवीनता लिए होती थी। घर के सदस्य आप पर विशेष स्नेह न्योछावर करते महसूस होते थे। विद्यालय में भी सब भला भला सा। उस दिन यूनिफार्म नहीं, ‘सन्डे बेस्ट’ होता था। सभी के आकर्षण का केंद्र होने की प्रतीति होती रहती थी, विशेष रूप से जब आप को न जानने वाले अध्यापक या बच्चे भी आप को मुस्कुरा कर विश कर देते थे। क्लास में ‘हैप्पी बर्थडे’ सॉंग के साथ वह सामूहिक बधाई का स्वरोत्कर्ष आपकी भावनाओं को चरम पर ले जाता था। उन दिनों ढेर सारे ‘बेस्ट फ्रेंड्स’ होते थे – करीब करीब पूरी क्लास ही। आप इस दिन के लिए पिछले कितने ही दिनों से इन्तजार करते रहे थे- बल्कि पूरे एक वर्ष से ही! आपको मन ही मन मालूम होता था कि किसी और बच्चे के लिए बता कर आप का नाप लिए जाने वाली बुनाई असल में आप के लिए ही बुना जा रहा स्वेटर है। आखिर बढ़ते बच्चे के लिए, जिसका जन्मदिवस जाड़े में पड़ता हो उसके लिए, प्रत्येक वर्ष एक नए स्वेटर की दरकार तो होती ही है न। तो ऐसे में एक माँ के विचार से स्वेटर से अच्छा गिफ्ट आखिर क्या! घर पर शाम को मोहल्ले के बच्चों के लिए आयोजित छोले-समोसे, दही-वड़े और मिठाई पार्टी में आप बच्चों के संग से ज्यादा उनके गिफ्ट को खोलने के लिए बेताब रहते थे। गिफ्ट-रैप को खोलने के पहले उसके आकार से अनुमान लगाया जाता था कि इसमें क्या होगा - लूडो, चेस, टिफ़िन-बॉक्स, पेंसिल बॉक्स, कॉमिक्स...। उन दिनों यही गिफ्ट होते थे और यही पार्टी; और फिर अगले वर्ष आने वाले जन्मदिन की कल्पना लिए आप निद्रा देवी की गोद में चले जाते थे।
किशोरावस्था में मित्र-मंडली छोटी होती जाती है। अब आपके पास सीक्रेट्स होती हैं, और कुछ भाव, जिन्हें आप कुछ लोगों से ही शेयर कर सकते हैं। गिफ्ट्स भी बदल जाते हैं। आपके करीबी मित्र घंटों उस विशेष ग्रीटिंग कार्ड को खोजने में बिताते हैं जिनमे अंकित पंक्तियाँ उनके मित्रत्व को अच्छी तरह व्यक्त कर सके। अब आप कुछ-कुछ समझने लगते हैं कि वस्तु से अधिक महत्व भाव रखते हैं।
समय और अनुभव के साथ दृष्टिकोण बदल जाते हैं। जीवन के उत्तरार्द्ध में सम्बन्धों की ऊष्मा का अर्थ पूर्ण रूप से समझ में आ चुका होता है। नोटीफिकेशन देख कर सोशल मीडिया पर यंत्रवत दी गयी कृत्रिम बधाईयाँ महत्वहीन हो चुकी होती हैं। परन्तु यदि आप भाग्यवान हैं तो ऐसे बधाई-सन्देश भी मिलते हैं जो किसी ने स्वतः से, अपनी याद से भेजे हैं। उनमें से कुछ तो उनके भी हो सकते हैं जो वर्ष में शायद केवल उसी एक दिन आपको सन्देश भेजते हों। ऐसे सन्देश अपनेपन की महक और विशिष्टता के भाव से सिक्त होते हैं। वे उनके होते हैं जिनके, अपने जीवन के झंझावातों के बीच भी, आप मन-मस्तिष्क में कहीं स्थान रखे होते हैं। अब केवल यही महत्व रखते हैं। विशुद्ध प्रेम में पगी हुयी ऐसी प्रत्येक बधाई आपको संबंधों की गर्माहट का अहसास करा जाती है और शायद यही आपके इस जीवन का अर्जन है।
 डॉ स्कन्द शुक्ल
24 एम.आइ.जी. म्योराबाद आवास योजना, प्रयागराज

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